अर्थिग बिदुत सर्किट का वह साधन है जो की मनुस्य को बिजली के शोक से बचाने के साथ साथ उपकरणो को भी खराब होने से बचाता है धातु की वो वस्तु जिसमे करंट बह रहा हो तार के द्वारा पृथ्वी के साथ आणि जमीन मे जोड़ने की विधि को अर्थिग कहते हैं अर्थ की रेसिसटंके बहुत ही कम होती है तथा इसे अर्थ टैस्टर द्वारा मापा जता है
अर्थिग कितने प्रकार की होती है (type Of Earthing)
अर्थिग दो प्रकार की होती है
- प्लेट अर्थिग
- पाइप अर्थिग
अर्थिग से संबन्धित नियम
- घरेलू वायरिंग को अर्थ करना जरूरी है जोकि 14 S.W.G के G.I वायर या 16 S.W.G के तांबे की तार की द्वारा की जाती है
- सभी धातु के पार्ट को जिसमे करंट गुजरती है अर्थ करना जरूरी है
- सभी थ्री फेज मशीनों को डबल अर्थ करना बहुत जरूरी है
- अर्थ वायर उसी धातु का होना चाहिए जिसका अर्थ एलेक्ट्रोड है
- अर्थ वायर जहा पर अर्थिग करनी है उस घर से 1.5 मीटर बाहर की तरफ रहना चाहिये
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